मंगलवार, 16 जनवरी 2024

टूटे पत्ते


 टूटे पत्ते

मत समझ

ऐ इंसान जरा अदब से चल

हमारी भी एक दास्ताँ थी 

जरा नजर उठा कर तो देख


सूखे हैं

तो क्या हुआ 

हम आज भी 

ख़ाक करने का होंसला रखते हैं 

एक चिंगारी लगा कर तो देख



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